🌹जानिए अपने इष्ट देवता को🌹

इष्टबल से आत्मबल बढ़ता है और आत्मबल से किसी भी शक्ती को प्राप्त किया जा सकता है।

आपकी कुंडली मैं पंचम भाव का स्वामी ग्रह (पंचमेश ) आपके इष्ट देव है ! चाहे लाख दोष हो आपकी कुंडली मैं ..अच्छा फल नहीं दे रहे हो ....तो इष्टदेव की आराधना , उपासना , वंदना, पूजा करने से बहुत से परेशानी से मुक्ति मिलेगी।

🌍 मेष लग्न = ( सूर्य देवता, गायत्री देवी आपके इष्ट है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगी )

🌍वृषभ लग्न = ( बुध देवता, गणेश जी आपके इष्ट है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगी )

🌍मिथुन लग्न = ( शुक्र देवता , माँ दुर्गा आपके इष्ट है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगी )

🌍कर्क लग्न = ( मंगल देवता , हनुमान जी आपके इष्ट देव है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगी )

🌍सिंह लग्न = ( देव गुरु बृहस्पति, विष्णु जी आपके इष्ट देव है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगी )

🌍कन्या लग्न = (शनि देवता, शिव जी आपके इष्ट देव है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगी )

🌍तुला लग्न = शनि देवता, शिव जी आपके इष्ट देव है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगी )

🌍वृश्चिक लग्न= ( देव गुरु बृहस्पति, विष्णु जी आपके इष्ट देव है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगी )

🌍 धनु लग्न = ( मंगल देवता, हनुमान जी आपके इष्ट देव है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगी )

🌍मकर लग्न = ( शुक्र देवता , माँ दुर्गा आपके इष्ट है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगी )

🌍कुम्भ लग्न = ( बुध देवता, गणेश जी आपके इष्ट है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगी )

🌍 मीन लग्न = (चंद्र देवता, शिव जी आपके इष्ट देव है उनका मंत्र , पूजन , पाठ आरती आपके लिए सदैव लाभकारी रहेगी )

इस तरह अपने सही इष्ट को पहचान कर उसकी नित्य आराधना करने वाले को... आरोग्य, सौभाग्य, सम्मान, इष्टवल, एवं योग्यताकी प्राप्ती होती है।

🌹 ज्योतिर्विद पं अश्विनी कुमार🌹
🙏कुंडली विशेषज्ञ🙏