जिन्दगी में कोई अनहोनी ना हो तो, ये तीन काम करने से निश्चित ही आदमी मरते दम तक फिट रहता है। ये तीन काम है रोज सुबह आधा घंटा व्यायाम फिर आधा घंटा कपाल भांति प्राणायाम और दिन भर सकारात्मक सोच..!!!!
व्यायाम 
व्यायाम में सबसे बढिया हैं की आप तेज चाल से पैदल टहलें या दौड़े और इसके अलावा थोड़ा बहुत दंड बैठक और उठक बैठक भी कर सकते हैं। कुल मिलाकर व्यायाम का असली फायदा तभी मिलता है जब पूरा शरीर पसीना से नहा जाय ! भारतीय देशी कसरतें जैसे दंड बैठक और उठक बैठक आदि कई दिनों तक बहुत ज्यादा मात्रा में कर के छोड़ भी दिया जाय तो कम ही लोगों में कुछ समस्याएं देखी गयीं हैं जबकि इंग्लिश एक्सरसाइज जैसे बेंच प्रेस आदि करने से शरीर पर कई लॉन्ग टर्म और शार्ट टर्म साइड इफेक्ट्स देखे गएँ हैं !
इंग्लिश एक्सरसाइज, देशी एक्सरसाइज की तुलना में जल्दी शरीर में प्रभाव दिखाती है इसलिए आजकल के जल्दबाज युवा जिम जा कर पैसा भी खर्च कर एक्सरसाइज करना ज्यादा पसंद करते हैं पर इंग्लिश एक्सरसाइज का प्रभाव एक्सरसाइज छोड़ने पर जल्दी ख़त्म भी हो जाता है !
देशी एक्सरसाइज का प्रभाव टिकाऊ होता है एक्सरसाइज छोड़ने के बाद भी !
यदि व्यायाम करने से पहले पूरे शरीर की शुद्ध सरसों के तेल से मालिश कर लिया जाय तो सोने पर सुहागा होता है ! रोज मालिश करने से त्वचा में ओज चमक पैदा होती है और मालिश के दौरान कई एक्यूप्रेशर पॉइंट्स अपने आप दबते हैं जिससे कई रोग होने नहीं पाते हैं। कपाल भांति प्राणायाम कपालभांति प्राणायाम के बारे में सारांश के तौर पर केवल ये जान लीजिये की रोज रोज नियम से कपाल भांति प्राणायाम करने से आदमी के नाभि में स्थित मणिपूरक चक्र जागने लगता है और ये मणिपूरक चक्र इतने रहस्मय रसों का भण्डार है की इन रसों के स्राव से शरीर की कौन सी बीमारी ऐसी हैं जिसका नाश नहीं हो सकता है अर्थात निश्चित ही सारी बिमारियों का नाश होता है ! लेकिन थका डालने वाले और खूब पसीना निकालने वाले कड़े व्यायाम के बिना किये, प्राणायाम का पूरा लाभ नहीं मिलता है ! इसलिए प्राणायाम के साथ व्यायाम भी बहुत जरूरी है।
सकरात्मक सोच
सकरात्मक सोच तो ये है की आप हर चीज में, हर घटना में आपका मन करे या ना करे तब भी जबरदस्ती ख़ुशी महसूस करिए ! तनाव लेने से कोई समस्या छोटी तो होती है नहीं अलबत्ता शरीर का नाश जरूर होता है ! तनाव लेने से शरीर में जो धीमा जहर पैदा होता है उससे हजार किस्म की बीमारियाँ जन्म लेती हैं और साथ ही एक बात ये भी तय है की अगर आप पूरे दिन किसी न किसी बात को लेकर तनाव में रहतें हैं और ऊपर से हँसते भी नहीं मतलब मनहूस से बने रहते हैं तो ये पक्का जान लीजिये की आपको कभी भी डायबिटिज की बीमारी हो सकती है और अगर पहले से डायबिटिज की बीमारी है तो शूगर का नार्मल लेवल पर मेंटेन रहना मुश्किल है ! इसलिए तनाव जैसी फिजूल चीज को तुरन्त लात मार कर अपनी बेश कीमती जिंदगी से बाहर फेकियें ! पॉजिटिव थिंकिंग ना हो तो प्राणायाम और व्यायाम भी कोई खास कमाल नहीं दिखा पाते हैं ! हालाँकि रोज व्यायाम और प्राणायाम करने से तनाव जरूर कम होता है और सकारात्मक सोच डेवलप करने में बहुत मदद मिलती है ! लेकिन तनाव से पूरी तरह से मुक्ति के लिए आपको अपनी सोच तो बदलनी ही पड़ेगी ! सोच या स्वभाव बदलना आसान काम नहीं होता है ! सोच बदलने में भगवान के किसी नाम (जैसे सीता राम या राधे श्याम आदि) के जप का बहुत अच्छा रिजल्ट देखने को मिलता है ! इसलिए अगर आप अपने स्वाभाव और सोच को बदलने के लिए वाकई गम्भीर हैं तो भगवान के नाम का जप खाली समय में कर के देखें निश्चित चमत्कारी परिणाम मिलेंगे। इन तीन चीजों को हमेशा याद रखने और पालन करने से व्यक्ति हमेशा छोटे बच्चे की तरह उत्साह, ख़ुशी, फुर्ती और ताजगी महसूस करता है।
परहेज – अगर आपने कोई लिक्विड (तरल) पिया हो तो कम से कम डेढ़ घंटे बाद और अगर कुछ सॉलिड (ठोस) खाया हो तो 5 घंटे बाद ही प्राणायाम और व्यायाम करना चाहिए नहीं तो नुकसान करेगा।