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*एक बार मैकोले का लिखा ये पत्र पढ़ लीजिये, क्या लिखा 1835 में अंग्रेज़ो की संसद को?*

 

 *स्वदेशी के प्रखर प्रवक्ता श्रीराजीव दीक्षितजी*

 

*हिन्दी में पढ़े:-- मैं भारत के कौने- कौने में घूमा हूँ, मुझे एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं दिखाई दिया जो भिखारी हो चोर हो! भारत में मैंने इतनी धन दोलत देखी है, इतने ऊंचे चारित्रिक, आदर्श गुणवान मनुष्य देखे हैं कि मैं नहीं समझता हम इस देश को जीत पाएंगे, जब तक इसकी रीड की हड्डी को नहीं तोड़ देते! जो है इसकी आध्यात्मिक संस्कृति और इसकी विरासत।*

 

*इसलिए मैं प्रस्ताव रखता हूँ कि हम पुरातनशिक्षा व्यवस्था और संस्कृति को बादल डाले। क्यूंकि यदि भारतीय सोचने लगे कि जो भी विदेशी है और अँग्रेज है वही अच्छा है और उनकी अपनी चीजों से बेहतर है तो वे अपने आत्मगौरव और अपनी ही संस्कृति को भुलाने लगेंगे और वैसे बन जाएंगे जैसा हम चाहते है!!*

 

*बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि मैकाले अपने इस मकसद में कामयाब हुआ और जैसा उसने कहा था कि मैं भारत की शिक्षा व्यवस्था को ऐसा बना दूंगा कि इसमें पढ़कर निकलने वाला व्यक्ति सिर्फ शक्ल से भारतीय होगा और अकल से पूरा अंग्रेज़ होगा!! यही आज हमारे सामने है दोस्तो!*

 

*आज हम देखते है देश के युवा पूरी तरह काले अंग्रेज़ बनते जा रहे है ! मैकाले के मानस पुत्रों को अँग्रेजी भाषा बोलने पर गर्व होता है! अपनी भाषा बोलने में शर्म आती है!*

 

*मैकाले के मानस पुत्रों को madam बोलने में कोई शर्म नहीं आती। श्रीमति बोलने में शर्म आती है !!*

 

*मैकाले के मानस पुत्रों को अँग्रेजी गाने सुनने में गर्व होता है! मोबाइल मे अँग्रेजी tone लगाने में गर्व होता है!*

 

*मैकाले के मानस पुत्रों को विदेशी समान प्रयोग करने में गर्व होता है! विदेशी कपड़े, विदेशी जूते, विदेशी hair style बड़े गर्व से कहते है मेरी ये चीज इस देश की है, उस देश की है! ये made in uk है ये made इन america है!*

 

*मैकाले के मानस पुत्रों को अपने बच्चो को convent school पढ़ाने में गर्व होता है! बच्चा ज्यादा अच्छी अँग्रेजी बोलने लगे तो बहुत गर्व! हिन्दी में बात करे तो अनपढ।*

 

*मैकाले के मानस पुत्रों को विदेशी खेल क्रिकेट से प्रेम, कुशती से नफरत! विदेशी कंपनियो pizza hut macdonald kfc पर जाकर कुछ खाना तो गर्व करना! और गरीब रेहड़ी वाले भाई से कुछ खाना तो शर्म!*

 

*मैकाले के मानस पुत्र अपने देश की धर्म संस्कृति को गालिया देने मे सबसे आगे! सारे साधू संत इनको चोर ठग नजर आते है! लेकिन कोई ईसाई मिशनरी अँग्रेजी में बोलता देखे तो जैसे बहुत समझदार लगता है!*

 

*मैकाले के मानस पुत्र करोड़ो वर्ष पुराने आयुर्वेद को गालिया और अँग्रेजी ऐलोपैथी को तालिया !!!*

 

*मैकाले के मानस पुत्रों को विदेशी त्योहार वैलंटाइन मनाने पर गर्व!! स्वामी विवेकानद का जन्मदिन याद नहीं!!*

 

*दोस्तो मैकाले अपनी चाल में कामयाब हुआ और ये सब उसने कैसे किया! अगर आपका बच्चा शक्ल से भारतीय और अकल से अंग्रेज़ होता जा रहा है तो एक बार जरूर देखे आपको जवाब मिल जाएगा।*

 

*ये जानने के लिए आप सिर्फ एक बार नीचे दिये गए link पर click करे! जरूर जरूर click करे!मैकोले का पत्र अँग्रेजी में।*

 

*एक बार मैकोले का 1835 में लिखा ये पत्र पढ़ लीजिये, आप हैरान रह जाएंगे।* http://www.rajivdixitmp3.com/maculay-letter-in-1835/

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?? *विशेष निवेदन एवं आग्रह* ??

*आपको सिर्फ 10 लोगो को ये मेसेज फॉरवर्ड करना है और वो 10 लोग भी दुसरे 10 लोगों को मेसेज करें।*

 

*इस प्रकार 1 = 10 लोग  यह 10 लोग अन्य 10 लोगों को मेसेज करेंगे* 

*इस प्रकार :-*

10 x10 = 100

 100x10= 1000

1000x10= 10000

10000x10= 100000

100000x10= 1000000

1000000x10= 10000000

10000000x10= 100000000

100000000x10= 1000000000 

 

*(100 करोड़) बस आपको तो एक कड़ी जोड़नी है देखते ही देखते यह सभी देशवासियों तक पहुँच जायेगा।*

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