२४/०८/२०२० 

रोहिललाबाद को अफगानों से आजाद करके वह योद्धा वाराणसी आया और उसने देखा कि वाराणसी में लगभग सबकुछ खत्म हो गया है । मंदिर या तो तोड़े जा चुके है या फिर उन्हे हिन्दुओ से खाली करवाकर इबादतगाह में बदल दिया गया था। मथुरा और वृंदावन की स्थिति भी इससे अलग नही थी । आस पड़ोस के राजे राजवाड़े बनारस के मुघल गवर्नर और रामपुर नवाब हाजी मोहममद बशीर इलाही को " धिम्मी कर " चुकता करते थे ।

यह सब देखकर वह योद्धा क्रोध से भर उठा । उसने अपनी चन्द्रहास तलवार उठा दी और सूर्य की तरफ कर दी , सेनानायक राव #यशवंत भट्ट को आदेश साफ था की वाराणसी को साफ कर दो। सुबह से शाम तक भीषण कत्लेआम हुआ , और अत्याचारियों को चुन चुन कर मारा गया । सेनानायक राव यशवंत भट्ट ने हाजी मुहम्मद की प्रसिद्ध रामपुर हवेली को तहस नहस कर दिया और अफगानों से बनारस खाली कराया । कहावत तो यह भी है कि #यशवंत भट्ट के कत्ले- आम से बचने बनारस में लोग जनेऊ हाथों में लेकर निकले थे , ऐसा लग रहा था मानो सभी हिन्दू धर्म मे दीक्षित योगी मुनि है । इसी कारण बनारस में कान्यकुब्ज शाखा के राजा " बनारस नरेश " विभूति नारायण सिंह के पूर्वजो का राजतिलक किया गया ।

कुछ मंदिरों के ऊपर बनी मस्जिदे तोपो से भी उड़ा दी गयी और जिन मंदिरों का उद्धार हो सकता था वह कर दिया गया। इसके बाद वाराणसी की हिफाजत को #कॉलिंजर में सेना रखी गई और वह योद्धा पक्ष्चिम के #विन्ध्य क्षेत्र को जीतता हुआ वापस सागर निकल गया । नायक यशवंत राव भट्ट ने वाराणसी में इस महान योद्धा के आदेश से कई घाटों की मरम्मत एवम मन्दिरो का पुनःनिर्माण किया और इस महान योद्धा के " मलेच्छ मुक्त भारत " के सपने को पूरा किया । इस योद्धा ने अपने दिये हुए वचन मुताबिक वाराणसी से कभी चौथ नही लिया । नायक यशवंत राव ने ताउम्र इस बात का प्रतिपालन भी किया ।।

यह महान योद्धा थे पेशवा बाजीराव के सपूत पेशवा रघुनाथ राव #राघोबा जिनकी आज जयंती है । हम नायक #यशवंत राव भट्ट के वंशज जो आज भी पेशवा राघोबा को भी याद करते है । 

इस महान योद्धा की धमक से कभी अब्दाली भी डर के कंधार भाग गया था ।। 

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#भाउ

#राघोबाअटारी : कॉलिंजर फोर्ट बुर्जबन्दी , बाँदा (उ.प्र.) २१०००१ 

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