कुल देवी/ कुल देवता दोष अवश्य पहचानिए आपको और आपके परिवार जन लगातार परेशानी में आ रहे हैं पीढ़ी दर पीढ़ी कैसे देखा जाता हैं बताता हूं

सबसे पहले आपको अपनी पत्रिका में बाधक पति ग्रह मालूम होना चाहिए

अब जन्म लग्न में स्थित राशि के आधार पर बाधक ग्रह का निर्णय करते हैं. जन्म लग्न में चर राशि मेष, कर्क, तुला या मकर स्थित हैं तब एकादश भाव का स्वामी ग्रह बाधकेश का काम करता है.

जन्म लग्न में स्थिर राशि वृष, सिंह, वृश्चिक या कुंभ स्थित है तब नवम भाव का स्वामी ग्रह बाधकेश का काम करता है. यदि जन्म लग्न में द्वि-स्वभाव राशि मिथुन, कन्या, धनु या मीन स्थित है तब सप्तम भाव का स्वामी ग्रह बाधकेश का काम करता है.

( यहां पर कुतर्क मत करना की भाग्येश कैसे बाधक हो सकता हैं )

अब इस दोष के बनने की पहली शर्त

यदि आपके चतुर्थ भाव के स्वामी के साथ बाधकेश की युति हैं तो ये दोष उत्पन्न होगा ये पहली शर्त हैं
( यहां अगर ये एक दूसरे के घरों में हैं तब भी )
यदि इस युति में सूर्य या चंद्र का साथ हैं तो ये आपके परिवार में कई पीढ़ियों से चला आ रहा हैं

यदि इस युति में इन दो कंडीशन के साथ साथ। राहु केतु का भी साथ हो ये ये दोष बहुत प्रबल हो जायेगा

यदि ये युति 6,8,12 में हुई तो और भी घातक हो सकती हैं

अगर आपकी पत्रिका में हैं तो आपको इसके उपाय की सख्त जरूरत हैं वरना इस दोष की वजह से कई परिवार टूट चुके हैं और समृद्धि नाम की चीज नही उनके यहां