#मंगल रेखा
यह रेखा हथेली के निम्र मंगल क्षेत्र से या जीवन रेखा के प्रारंभिक भाग से निकलती है और शुक्र पर्वत की ओर बढ़ती है।
ऐसी रेखाएं एक या एक से अधिक हो सकती हैं। ये सभी रेखाएं पतली, मोटी, गहरी या कमजोर हो सकती हैं
ऐसी रेखाएं जीवन रेखा के साथ-साथ आगे बढ़ती हैं, अत: उन्हें जीवन रेखा की सहायक रेखा भी कह सकते हैं। कई बार ऐसी रेखाएं जीवन रेखा की समाप्ति तक उनके साथ-साथ चलती हैं।
जिनके हाथ में ऐसी रेखाएं होती हैं वे व्यक्ति अत्यंत प्रतिभाशाली एवं तीव्र बुद्धि के होते हैं।
सोचने और समझने की शक्ति इनमें विशेष रूप से होती है।
जीवन में ये जो निर्णय एक बार कर लेते हैं उसे अंत तक निभाने का सामर्थ्य रखते हैं।
ऐसे व्यक्ति पूर्णत: विश्वासपात्र कहे जाते हैं।
ऐसे व्यक्ति जीवन में कोई एक उद्देश्य लेकर आगे बढ़ते हैं और जब तक उस उद्देश्य या लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो जाती, तब तक ये विश्राम नहीं लेते।
शारीरिक दृष्टि से ये हृष्ट-पुष्ट होते हैं तथा इनका व्यक्तित्व अपने आप में अत्यंत प्रभावशाली होता है।