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*दिनाँक -:28/05/2018,सोमवार*
चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष
अधिक ज्येष्ठ
"""""""""""""""(समाप्ति काल)

तिथि--चतुर्दशी18:40:28 तक
पक्ष-----------------शुक्ल
नक्षत्र-विशाखा23:03:17
योग----परिघ17:17:56
करण---गरज06:15:54
करण--वाणिज18:40:28
वार---------सोमवार
माह--------अधिक ज्येष्ठ
चन्द्र राशि--तुला16:39:23
चन्द्र राशि----वृश्चिक
सूर्य राशि--------- वृषभ
रितु-----------------ग्रीष्म
आयन--------उत्तरायण
संवत्सर---------विलम्बी
संवत्सर (उत्तर)------विरोधकृत
विक्रम संवत-------2075
विक्रम संवत (कर्तक)-------2074
शाका संवत----------1940

वृन्दावन
सूर्योदय------05:26:20
सूर्यास्त------19:06:50
दिन काल---13:40:30
रात्री काल----10:19:13
चंद्रास्त------05:45:32
चंद्रोदय------18:00:24

लग्न----वृषभ 12°31' , 42°31'

सूर्य नक्षत्र---------रोहिणी
चन्द्र नक्षत्र-------विशाखा
नक्षत्र पाया----------रजत

* पद, चरण *

तू----विशाखा 10:17:03

ते----विशाखा 16:39:24

तो----विशाखा 23:03:17

* ग्रह गोचर *

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
=======================
सूर्य=वृषभ 12°31 , रोहिणी, 1 ओ
चन्द्र=तुला 24 ° 02' विशाखा 2 तू
बुध=वृषभ 01° 47' कृतिका' 2 ई
शुक्र=मिथुन 15° 57 , आर्द्रा , 3 ङ
मंगल=मकर 10°04 ' श्रवण ' 1 खी
गुरु=तुला 21°11'विशाखा , 1 ती
शनि=धनु 13 ° 51'पू o षा o '1भू
राहू=कर्क 15 ° 00 ' पुष्य , 4 ड
केतु=मकर 15 ° 00' श्रवण, 2 खू

*शुभा$शुभ मुहूर्त*

राहू काल 07:09 - 08:51अशुभ
यम घंटा 10:34 - 12:17अशुभ
गुली काल 13:59 - 15:42अशुभ
अभिजित 11:49 -12:44शुभ
दूर मुहूर्त 12:44 - 13:39अशुभ
दूर मुहूर्त 15:28 - 16:23अशुभ

चोघडिया, दिन
अमृत 05:26 - 07:09शुभ
काल 07:09 - 08:51अशुभ
शुभ 08:51 - 10:34शुभ
रोग 10:34 - 12:17अशुभ
उद्वेग 12:17 - 13:59अशुभ
चाल 13:59 - 15:42शुभ
लाभ 15:42 - 17:24शुभ
अमृत 17:24 - 19:07शुभ

चोघडिया, रात
चाल 19:07 - 20:24शुभ
रोग 20:24 - 21:42अशुभ
काल 21:42 - 22:59अशुभ
लाभ 22:59 - 24:16*शुभ
उद्वेग 24:16* - 25:34*अशुभ
शुभ 25:34* - 26:51*शुभ
अमृत 26:51* - 28:09*शुभ
चाल 28:09* - 29:26*शुभ

होरा, दिन
चन्द्र 05:26 - 06:35
शनि 06:35 - 07:43
बृहस्पति 07:43 - 08:51
मंगल 08:51 - 09:59
सूर्य 09:59 - 11:08
शुक्र 11:08 - 12:17
बुध 12:17 - 13:25
चन्द्र 13:25 - 14:33
शनि 14:33 - 15:42
बृहस्पति 15:42 - 16:50
मंगल 16:50 - 17:58
सूर्य 17:58 - 19:07

होरा, रात
शुक्र 19:07 - 19:58
बुध 19:58 - 20:50
चन्द्र 20:50 - 21:42
शनि 21:42 - 22:33
बृहस्पति 22:33 - 23:25
मंगल 23:25 - 24:16
सूर्य 24:16* - 25:08
शुक्र 25:08* - 25:59
बुध 25:59* - 26:51
चन्द्र 26:51* - 27:43
शनि 27:43* - 28:34
बृहस्पति 28:34* - 29:26

*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*दिशा शूल ज्ञान-------पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

*अग्नि वास ज्ञान -:*

14 + 2 + 1= 17 ÷ 4 = 1शेष
पाताल पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

* शिव वास एवं फल -:*

14 +14 + 5 = 33 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

*भद्रा वास एवं फल -:*

सांय 18:40 से प्रारम्भ

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

*विशेष जानकारी *

*सर्वार्थ सिद्धि योग 23:03 से

* वीर सावरकर जयन्ती

*शुभ विचार*

अन्तः सारविहीनानामुपदेशो न जायते ।
मलयाचलसंसर्गान्न वेणुश्चन्दनायते ।।
।।चा o नी o।।

जिनके भेजे खाली है, वो कोई उपदेश नहीं समझते. यदि बास को मलय पर्वत पर उगाया जाये तो भी उसमे चन्दन के गुण नहीं आते.

::::::::::::::::::::::::::::जयतु भारती:::::::::::::::::::::::::::