भारतीय कैलेण्डर

जब हिन्दू कैलेण्डर में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन त्योहार और राष्ट्रीय छुट्टियों शामिल हों तो वह भारतीय कैलेण्डर के रूप में जाना जाता है।

भारत का राष्ट्रीय पंचांग (कैलेण्डर) क्या है?

*.ग्रैगेरियन कैलेण्डर के साथ विक्रम संवत
*.ग्रैगेरियन कैलेण्डर के साथ शक संवत
*.शक संवत
*.विक्रम संवत

श्रीकृष्ण संवत् अन्य -८संवत्
श्रीकृष्ण संवत् =५२३४२.कलि संवत् =५१०० बुद संवत् =२५४२ महावीर संवत् २०२५ शाका संवत् =१९२१ हिजरी संवत् =१४२० फसली संवत् =१४०७ सन ई= १९९९ नानकशाही =५३१

शक संवतभारत का प्राचीन संवत है जो ७८ ई. से आरम्भ होता है।शक संवतभारतका राष्ट्रीय कैलेंडर है।शक संवत्‌ के विषय मेंबुदुआका मत है कि इसे उज्जयिनी के क्षत्रप चेष्टन ने प्रचलित किया। शक राज्यों को चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने समाप्त कर दिया पर उनका स्मारक शक संवत्‌ अभी तक भारतवर्ष में चल रहा है।

शक संवत् :-विक्रम संवत् के १३५ वर्ष के बाद राजा शालिवाहन ने इस का आरम्भ किया है और भारत सरकार ने भी इसी संवत् को मान्यता दी इसका आरम्भ २२ मार्च यानि हिन्दू मास चैत्र से होता है ।

विक्रमी संम्वत् :—हिन्दू पंचांगमें समय गणना की प्रणाली का नाम है। यह संवत ५७ ईपू आरम्भ होती है। इसका प्रणेता सम्राटविक्रमादित्यको माना जाता है।कालिदासइस महाराजा के एक रत्न माने जाते हैं।बारह महीने का एक वर्ष और सात दिनका एक सप्ताह रखने का प्रचलन विक्रम संवत से ही शुरू हुआ | इसका काल का शुभारम्भ ईसा से ५७ वर्ष पूर्व चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से माना जाता है । पंचांग में इसी प्रणाली का प्रयोग किया जाता है और यह चन्द्र मास पर आधारित है तथा इस में सौरमासो का भी समावेश रहता है । चन्द्र वर्ष का आरम्भ चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिप्रदा तिथि से किया जाता है

हिन्दू कैलेण्डर

हिन्दू कैलेण्डर में दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ शुरू होता है और अगले दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ समाप्त होता है। क्योंकि सूर्योदय का समय सभी शहरों के लिए अलग है, इसीलिए हिन्दू कैलेण्डर जो एक शहर के लिए बना है वो किसी अन्य शहर के लिए मान्य नहीं है। इसलिए स्थान आधारित हिन्दू कैलेण्डर, जैसे की द्रिकपञ्चाङ्ग डोट कॉम, का उपयोग महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, प्रत्येक हिन्दू दिन में पांच तत्व या अंग होते हैं। इन पांच अँगों का नाम निम्नलिखित है——

१.तिथि
२.नक्षत्र
३.योग
४.करण
५.वार (सप्ताह के सात दिनों के नाम)

वैदिक पञ्चाङ्ग—-
हिन्दू कैलेण्डर के सभी पांच तत्वों को साथ में पञ्चाङ्ग कहते हैं। (संस्कृत में: पञ्चाङ्ग = पंच (पांच) + अंग (हिस्सा)). इसलिए जो हिन्दू कैलेण्डर सभी पांच अँगों को दर्शाता है उसे पञ्चाङ्ग कहते हैं। दक्षिण भारत में पञ्चाङ्ग को पञ्चाङ्गम कहते हैं।