यह जानकारी सिर्फ अपने तक ना रखे इसे अपने
करीबी लोगो और अन्य लोगो तक भी
साझा करे।
आज हम आपको वो चीज बताएँगे जो 85%
भारतीयों को पता नहीं
और इस सेक्युलर देश में आपको कोई बताएगा
नहीं
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आज वाराणसी में जो हम काशी विश्वनाथ
शिवलिंग को देखते है, वो असली शिवलिंग
नहीं, मथुरा में जो कृष्ण मंदिर है वो असली
जन्मभूमि नहीं है, और अयोध्या में तो आपको
जानकारी है की राम लल्ला फटे त्रिपाल
में हैं
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अब आपको हम एक एक कर विस्तार से हमारे
भगवान् के तीनो मंदिरो के बारे में बताएँगे
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1- श्री राम मंदिर अयोध्या- जहाँ पर
हमारे राम का जन्म हुआ था, वहां पर बहुत
बड़ा भव्य मन्दिर था, बाबर नाम के मुस्लिम
हमलावर ने हमारे राम के मंदिर को तोड़ा,
मंदिर के लिए लड़ते हुए 50000 नागा साधुओ ने
अपनी जान दे दी, बाबर ने राम मंदिर तोड़
वहां बाबरी मस्जिद बनाई, राम मंदिर के
अवशेषो से मस्जिद की सीढियां बनाई
ताकि कोई भी मस्जिद आये तो पैरो से
मंदिर के अवशेषो को कुचले
1992 में हिन्दुओ ने राम जन्मभूमि को आज़ाद
करवाने के लिये संघर्ष के बाद मस्जिद तोड़
डाली, मस्जिद को खोदने के बाद राम
मंदिर के अवशेष मिले, मूर्तियां मिली
तब से केस चल रहा है, वहां त्रिपाल में राम
लल्ला हैं, वहां राम लल्ला का मंदिर बनके
रहेगा तब हम राम लल्ला को फिर से वहां
इस्थापित करेंगे
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2- कृष्णदेव मंदिर मथुरा---कृष्ण जहाँ जन्मे थे, उस
जेल के स्थान पर गुप्त काल में इतना भव्य मंदिर
बना था की जिसे कोई चित्रकार कागज
पर बना नहीं पाता था, ये दुनिया का
सबसे बड़ा मंदिर था, अलाउदीन ख़िलजी ने
इस मंदिर को 1170 में लूटा और तोड़ दिया
कई सैंकड़ो साल बाद जहांगीर के काल में
बुन्देल के महाराज वीर सिंह ने फिर से
जन्मभूमि पर कृष्ण देव मंदिर बनाया, ये मंदिर
बहुत बड़ा और भव्य बनाया गया
जब औरंगजेब का शासन आया तो औरंगजेब ने 1669
में कृष्ण देव मंदिर को तोड़ यहाँ जामा
मस्जिद बना दी, 18वीं ईस्वी में अंग्रेजो के
काल में हिन्दुओ ने असली जन्मभूमि जिसपर अब
मस्जिद है उसके बगल में मंदिर बनाया
परंतु ये असली जन्मभूमि का मंदिर नहीं है,
असली जन्मभूमि जामा मस्जिद में कैद है, हिन्दू
जिस मंदिर को जन्मभूमि समझते है आज, वो
असली जन्मभूमि नहीं, कृष्ण की जन्मभूमि पर
मस्जिद है
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3- काशी विश्वनाथ बनारस:- भगवान् शिव
के 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे महत्वपूर्ण काशी
का ज्योतोर्लिंग है, जो भगवान् के सबसे
प्यारी जगह काशी में थी,
औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ तोड़
ग्यानव्यापी मस्जिद बना दी, ये मस्जिद
आज भी है, और इसकी एक दीवार तो अब भी
असली विश्वनाथ मंदिर वाली ही है जो
आप तस्वीर में देख सकते है
असली शिवलिंग इस मस्जिद में एक कुवां है उसके
अंदर है, आज जिस शिवलिंग को हम पूजने जाते है
वो असली ज्योतिर्लिंग नहीं है, आज का
शिवलिंग मराठा शासको ने बनाया है,
परंतु असली शिवलिंग ग्यानव्यापी मस्जिद
में कैद है।
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मित्रो सनातन धर्म में त्रिदेव मुख्यतः
परब्रम्ह है, जिसमे ब्रह्मा, विष्णु और शिव है
भगवान् ब्रह्मा की पूजा शिवजी के शाप के
बाद नहीं होती
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सनातन धर्म में मुख्यतः परब्रम्ह भगवान् शिव
और विष्णु ही है
और दुनिया में जितने मंदिर है उसमे मुख्य मंदिर
अयोध्या जन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि और काशी
विश्वनाथ मंदिर ही है
बाकि हर धर्म स्थल की महिमा इनके बाद है
और आज हमारे राम लल्ला फटे हुए त्रिपाल में
हैं, और हमारे कृष्ण और शिव मस्जिदों में है
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कृपया देश को जागरूक तो कीजिये, 85% को
तो ये भी नहीं पता की मथुरा में कृष्ण
जन्मभूमि मस्जिद में है, मंदिर असली जन्मभूमि
नहीं, शिवलिंग तो मस्जिद में है, आज का
शिवलिंग असली भगवान् का स्थापित
शिवलिंग नहीं और राम लल्ला तो फटे
त्रिपाल में है- लिखते लिखते हमारा मन
छोटा और उदास हो गया है।
आज अगर किसी हिन्दू के परिवार वालो
को कहो अपने बच्चे को मंदिर भेजो भजन में
भेजो तो माँ बाप कहते है क्या करेगा भजन
करके पहले पढाई करने दो भजन जिंदगी भर
करना है और उसको धर्म का काम करने नहीं
देता इसलिए हमारे सनातन धर्म पर संकट
मंडरा रहा है।
अभी भी समय है दोस्तों और मेरा सभी माँ
बाप से अनुरोध है वो अपने बच्चों को धर्म
गीता रामायण जैसे ग्रंथो का ज्ञान देखर
अखंड भारत के निर्माण में अपना योगदान दे।
जय श्री राम
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