*श्रद्धेय पंडित श्री नंदकिशोर पाण्डेय जी भागवताचार्य*

*प्रेरक प्रसंग - 13* 

!! *इंसानी जज्बे की सच्ची कहानी* !!

ये एक लड़की की सच्ची कहानी है जो हमें कठिन से कठिन परिस्थितियों के बावजूद जीवन को सकारात्मक तरीके से जीने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा देती है। 25 सितम्बर, 2000 की बात है. तब Maricel Apatan (मैरिकेल ऐप्टैन) महज 11 साल की थी. उस दिन वो अपने अंकल के साथ पानी लाने के लिए बाहर निकली हुई थी. रास्ते में उन्हें चार-पांच लोगों ने घेर लिया, उनके हाथों में धारदार हथियार थे. उन्होंने अंकल से जमीन पर झुक जाने के लिए कहा और उन्हें बेहरहमी से मारने लगे।

ये देख Maricel सदमें में आ गयीं, वो उन लोगों को जानती थी, वे उसके पडोसी थे. उसे लगा कि अब उसकी जान भी नहीं बचेगी और वो उनसे बच कर भागने लगी. पर वो छोटी थी और हत्यारे आसानी से उस तक पहुँच गए वो चिल्लाने लगी…, “कुया, ‘वाग पो , ‘वाग न ’यो एकांग टैगईन ! मावा पो कायो सा एकिन !” (मुझे मत मारो …मुझ पर दया करो …) पर उन दरिंदो ने उसकी एक ना सुनी, और उनमे से एक ने गले पर चाक़ू से वार कीया। Maricel जमीन पर गिरकर बेहोश हो गयी।

जब थोड़ी देर बाद उसे होश आया तो उसने देखा कि वहाँ खून ही खून था और वे लोग अभी भी वहीँ खड़े थे, इसलिए उसने बिना किसी हरकत के मरे होने का नाटक किया। जब वे लोग चले गए तब वो उठी और घर की और दौड़ने लगी…. भागते-भागते ही उसने देखा कि उसकी दोनों हथेलियां हाथ से जुडी लटक रही हैं। यह देख Maricel और भी घबरा गयी, और रोते-रोते भागती रही ….जब वो अपने घर के करीब पहुँच गयी तब अपनी माँ को आवाज़ दी…माँ बाहर आयीं और अपनी बेटी की ये हालत देख भयभीत हो गयीं।

उन्होंने बेटी को तुरंत एक कम्बल में लपेटा और हॉस्पिटल ले गयीं. हॉस्पिटल दूर था, पहुँचते-पहुँचते काफी वक़्त बीत गया. डॉक्टर्स को कोई उम्मीद नहीं थी कि वे Maricel को बचा पाएंगे पर 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद भी  वो ज़िंदा थी. पर डॉक्टर्स उसका हाथ नहीं बचा पाये थे। परेशानियां यहीं नहीं ख़त्म हुईं, जब वे वापस गए तो उनका घर लूट कर जलाया जा चुका था. गरीब होने के कारण उनके पास हॉस्पिटल का बिल भरने के पैसे भी नहीं थे…पर दूर के एक रिश्तेदार आर्चबिशप अंटोनिओ लेडेसमा की मदद से वे बिल भर पाये और अपराधियों को सजा भी दिलवा पाये।

इतना कुछ हो जाने के बाद भी Maricel ने कभी भगवन को नहीं कोसा कि उसके साथ ही ऐसा क्यों हुआ , बल्कि उसका कहना है कि , “ ईश्वर में विश्वाश रखते हुए , मैं और भी दृढ निश्चियी हो गयी कि मुझे एक सामान्य जीवन जीना है। मुझे लगता है कि मैं दुनिया में किसी ज़रूरी मिशन के लिए हूँ इसीलिए मैं इस हमले से बच पायी हूँ. ”Maricel ने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की और 2008 में होटल मैनेजमेंट का कोर्स भी पूरा किया . और बचपन से खाना बनाने के शौक के कारण 2011 में शेफ बनने की शिक्षा पूरी की. इतनी बड़ी डिसेबिलिटी के बावजूद जीवन में आगे जाने के जज़बे को आस -पास के लोग नज़रअंदाज नहीं कर सकते थे , और जल्द ही Maricel को मीडिया हाईलाइट करने लगा। 

ऐसे ही एक कार्यक्रम को देख कर होटल एडसा शांग्री -ला , Manila, Philippines ने उसे अपने यहाँ किसी प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका दिया.  Maricel के साथ काम करने वाले शेफ अल्ज़ामिल बोर्जा बताते हैं ,“वो मदद के लिए सिर्फ तभी पुकारती हैं जब उन्हें कोई गरम पात्र हटाना होता है या किसी शीशी का चिकना ढक्कन खोलना होता है. ”Maricel आज भी उसी होटल में बतौर शेफ काम करती हैं और अपने जज़बे के दम पर लाखो -करोड़ों लोगो को प्रेरित करती रहती हैं।

*शिक्षा*:-

Friends, अक्सर हम अपनी Life में आने वाली छोटी -मोटी परेशानियों से घबरा जाते हैं और अपना विश्वास कमजोर कर बैठते हैं , पर आज की ये कहानी बताती है कि Situation कितनी ही खराब क्यों न हो हम उसे बदल सकते हैं। Maricel की कही एक बात हमें याद रखनी चाहिए- , ” यदि आप सपने देखें, कड़ी मेहनत करें और ईश्वर में आस्था रखें तो कुछ भी सम्भव है।”