ओम् घ्रृणिः सूर्याय नमः।।।🙏ओँम् ह्राँ ह्रीं ह्रौं सःसूर्याय नमः 🙏सूर्यग्रहण 21जून2020
यह ग्रहण सम्पूर्ण भारत में मान्य होगा
सूतक 20 जून रात्रि 10 बज कर 9मिनट पर लगेगा
ग्रहण काल। 21जून सुबह 10 बज कर 9मिनट से प्रारंभ हो कर दोपहर 1बज कर 50मिनट पर पूर्ण मोक्ष होगा

ग्रहण कुल समय 3घंटे 30 मिनट है

यह ग्रहण किन किन राशियों के लिए शुभ अशुभ है
मेष,सिंह,कन्या,मकर, राशि हेतु शुभ
वृषभ, तुला, धनु, कुम्भ हेतु मध्यम
मिथुन, कर्क, वृश्चिक, मीन, हेतु अशुभ

ग्रहण काल में करने योग्य काम. भजन कीर्तन पाठ हवन जप तप
गृहणान्त मे दान श्रेष्ठ है
निषेध कार्य. भोजन शयन मिथ्या भाषण
गर्भवती महिलाओं को कुछ भी काटने से बचना चाहिए शयन नहीं करना चाहिए साड़ी में गेरू लगाना पल्लू में मेवा या झोली में पानी वाला नारियल भी रख सकते हैं
ग्रहण का मोक्ष होने के बाद अपनी श्रद्धा अनुसार दान अवश्य करें
,💐पं. गजेन्द्र धर शास्त्री💐
🏵️(श्रीधाम वृन्दावन)🌷

🌑🌒🌓🌔🌕खंडग्रास सूर्य ग्रहण :ता : 21/06/2020 आषाढ़ कृष्ण 30 रविवार मृगशिरा नक्षत्र भारत में दृश्य होगा ll
स्पर्श : दिन में 10 बजकर 20 मि 🌔
मध्य : दिन में 12 बजकर 04 मि 🌓
मोक्ष : दिन मे 2 बजकर 2 मि 🌕
ll पर्वकाल 3 घण्टा 42 मि इस ग्रहण का सूतक शनिवार रात्रि में 10 बजकर 20 मि से लगेगा वेध के समय से मोक्ष के समय तक शास्त्रीय मतानुसार मूर्ति स्पर्श, शयन, भोजन नही करना चाहिये । बालक,वृद्ध,रोगियों को एक प्रहर अर्थात प्रातः 9 बजकर 15 मि से ही मानना चाहिये (बालक ,वृद्ध, रोगी इस समय के पहले तक भोजन कर सकते हैं) यह ग्रहण मिथुन राशि वालो को विशेष अनिष्टकारक रहेगा l बृषभ,मिथुन, कर्क,तुला,वृश्चिक, कुंभ, मीन राशि वालो को अशुभ रहेगा l मेष, सिंह कन्या राशि वालो को शुभ रहेगा l जिन जिन राशि वालो को अशुभ हैं उनको ग्रहण नही देखना चाहिये l ग्रहण के समय इस मंत्र का जाप करे : (ॐ नमो भगवतेवासुदेवाय, ॐ भास्कराय नमः)
गर्भवती स्त्री ग्रहण ना देखे तथा गेरू अपने कुक्ष में लगाएं। विष्णु महापुराण में आया है ग्रहण के समय घर के बड़े बुजुर्ग द्वारा पित्रो को तिल युक्त जल देना । तथा सभी के द्वारा अपने गुरु मंत्र, लक्ष्मी मन्त्र और भी जितने मन्त्रों का जाप पाठ करते हों मन्दिर से बाहर करें। बाहर हवन भी कर सकते हैं।तो आपका मन्त्र सिद्ध हो जायेगा। बच्चों से सरस्वती मन्त्र :- ऐं; का जाप करवाएं।जब सूतक लगे उससे पहले पानी में बच्चों ,वृद्ध, बीमार के भोजन में तुलसी कुशा डाल दें ग्रहण के समय किया गया जाप,पाठ, हवन, तर्पण अनन्त गुना फल देता है। अनिष्ट शांती के लिये हवन,जप,गोदान,तुलादान, अन्न व वस्र का दान करे