आजकल NSA अजित डोभाल जी की बहुत चर्चा है देश विदेश में । कोई उन्हें supercop लिख रहा है तो कोई James Bond ।

1984 में जब अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में operation Blue star हुआ तो उसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी देश को । उसकी प्रतिक्रया में एक प्रधान मंत्री की हत्या हुई और पूरा देश इस आग में जला । पूरी सिख कौम आहत हुई । 

उस समय सरकार के साथ पूरी सिख कौम भी कटघरे में खड़ी थी । सवाल दोनों से था । आखिर ये नौबत क्यों आने दी ?

सरकार सोई हुई थी क्या जब भिंडरांवाला पूरी फ़ौज वहाँ बना रहा था ।

और सिख समाज से सवाल ये कि यदि इतना पवित्र स्थल है तुम्हारे लिए तो क्यों उस आतंकी को तुमने घुसने दिया वहाँ ? 

अपने पवित्र स्थल की पवित्रता बनाये रखना आपकी भी तो जिम्मेवारी है ।

खैर ....... 1988 आते आते एक बार फिर सिख आतंकियों ने उसी golden temple complex में फिर अड्डा बना लिया । राजीव गांधी की सरकार थी । उन्होंने आदेश दिया ....... खाली कराओ । Operation Black Thunder.......सेना ने घेरा डाल दिया । सारी तैयारी हो चुकी थी । तभी दिल्ली से निर्देश आया । एक भी civilian मरना नहीं चाहिए और स्वर्ण मंदिर को कोई नुक्सान नहीं पहुंचना चाहिए ।

लो जी ....... कल्लो बात । 

अब अंदर बैठे 300 से ज़्यादा आतंकी क्या मेमने हैं कि गए और पकड़ लाये ?

सुरक्षा बलों की top leadership स्वर्ण मंदिर के बगल में एक होटल के कमरे में योजना बना रही थी कि अब क्या किया जाए । तभी वहाँ एक आदमी आया । एक सिख रिक्शे वाला । आया क्या लाया गया । जहां फ़ौज के जनरल बैठे हों वहां रिक्शे वाले का क्या काम । 

My self Ajit Dobhal ........

अजित डोभाल पिछले 6 महीने से उन्ही आतंकियों के बीच एक ISI agent के रूप में रह रहे थे । आतंकी ये समझते थे कि ये ISI वाला हमारी मदद के लिए भेजा गया है । उन्होंने आतंकियों की सारी स्थिति , संख्या , हथियार , morale सबकी detail जानकारी दी । ये भी नक्शा बनाया कि कौन कहाँ कैसे बैठा है । 

सवाल ये था कि बिना एक भी आदमी मारे और परिसर को नुक्सान पहुंचाए ये काम कैसे हो ?

इसका हल भी Ajit Dobhal ने ही दिया । और जो हल दिया उसे सुन के अफसर हंस पड़े ........ पर वो serious थे । 

जानते हैं उन्होंने क्या हल दिया ? 

सालों को शौच मत करने दो .......

क्या ?

हाँ ....... शौच मत करने दो ....... साले फ़्रेश नहीं हो पायेंगे तो मरेंगे अपने आप बाहर भागेंगे ।

फिर उन्होंने पूरे नक़्शे के साथ प्लान दिया । 

सेना ने परिसर के एक कोने में बने शौचालयों पे कब्जा कर लिया । और परिसर की बिजली पानी काट दी । 

फ़ौज की सिर्फ एक planning थी । कोई शौचालय में न आने पाये ।

दूरदर्शन का live telecast चालू करवा दिया । 

may का महीना । भयंकर गर्मी । न बिजली न पानी । और न शौचालय । ऊपर से 450 आदमी । पंजाब पुलिस mike पे request कर रही थी .......please बाहर आ जाओ । surrender कर दो । कोई तुमको कुछ नहीं कहेगा .......TV पे पूरा देश देख रहा था । ये घेराबंदी 9 दिन चली । अंत में सबने surrender कर दिया ........ 300 से ज़्यादा terrorist थे जिनमे सबसे दुर्दान्त पेंटा था जिसने सबके सामने cyanide खा लिया ।

बाद में TV पत्रकारों का एक दल अंदर भेजा गया । दरबार हॉल की main kitchen में जो बड़े बड़े बर्तन थे ....... हंडे ,पतीले ,देग ,बाल्टियां ........ वो जिनमे प्रसाद बनता था ......... सब मल और मूत्र से भरे हुए थे औ पूरे परिसर में सिर्फ एक ही चीज़ दिखती थी ......... मलमूत्र ....... आखिर 450 आदमी 9 दिन कहाँ मलमूत्र विसर्जित करेंगे ....... पीने को एक बूँद पानी नहीं ...... कर के धोएंगे कैसे ........

और ये नज़ारा पूरे देश ने देखा ........पत्रकारों ने जो reporting की उसमे एक बात प्रमुख थी ..... OMG कितनी बदबू है ।

सिख समाज आतंकियों की इस हरकत से बहुत बहुत ज़्यादा आहत हुआ । सबने देखा कि स्वर्ण मंदिर को किसने गंदा किया । पूरा सिख समाज ही इन आतंकियों के खिलाफ उठ खड़ा हुआ । इस घटना के एक साल के अंदर पंजाब पुलिस ने पंजाब की सड़कों पे इन आतंकियों को दौड़ा दौड़ा के मारा । और सिर्फ 3 महीने में शांति बहाल कर दी । 

बहुत कम लोग जानते हैं कि ये पूरी योजना Ajit Dobhal ने बनायी थी ।

ये जानकारी एक फौजी जनरल ने एक लेख में दी है जो एक डिफेंस journal में छपा है । ये जनरल स्वयं उस रूम में मौजूद थे जहां डोभाल जी ने पूरा प्लान बनाया ।

बहुत कम लोग जानते हैं कि पंजाब में आतंक के खिलाफ लड़ाई में KPS Gill के सबसे बड़े सहयोगी Dobhal थे।

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